होली के इस पावन अवसर पर एक छोटी, प्यारी और दिल को छू लेने वाली कविता समर्पित कर रहा हूं। कविता अच्छी लगे तो आगे भी शेयर करें।
आइए मिलकर इस कविता से कुछ सीख ले और अपने जीवन में इसे उतारे।
रंगों से भरी यह कविता हमें कुछ सीख प्रदान करती हैं, जीवन को रंगीन बनाने का मार्गदर्शन करती हैं।
प्यार के रंग बिखेरती आजा,
फूलों की खुशबू बिखेरती आजा।
आजा तू दे हमें प्यार की छोटी टिप्पणी,
बढ़ सके हम अपने जीवन पथ पर,
युवकों को प्रेम दे जा खुशियों की बहार दे जा।
प्यार के रंग बिखेरती आजा,
फूलों की खुशबू बिखेरती आजा।।
किसी ने किसी की खुशियों के लिए,
अपनी कुर्बानी दे दी,
उनकी कुर्बानी को सलाम दे जा,
हर मां के उस बच्चे को,
जो सीमा में खड़े देश को बचाए रखें,
उनके जीवन में रंगो की एक छोटी मिठास दे जा,
मां की ममता का प्यार दे जा,
रंगो की बौछार दे जा,
रंग बिखेरती आजा,
फूलों की खुशबू बिखेरती आजा।।
वह जग जो रंगों से परिपूर्ण हो गया,
वह आसमान जो कभी नीला अंबर से सतरंगी हो गया,
वह वन हरियाली से रंग बिरंगी हो गया,
बौछार की इस होली में हर किसी को प्यार दे जा,
बस तू आजा,
रंग बिखेरती आजा,
फूलों की खुशबू बिखेरती आजा।।
उन गरीब बच्चों को उनकी अपनी हक दे जा,
उनको उनकी बचपन दे जा,
उन्हें हर हिस्से की खुशी दे जा।
ना उनको महसूस हो किसी कमी की,
बस तू ही तो है सब का दुलार,
सब का प्यार होली का त्यौहार,
आजा अब तू और देर ना कर,
रंग बिखेरती आजा,
फूलों की खुशबू महकाती आजा।।
~Yash
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