Elena Cornaro Piscopia दुनिया की पहली महिला, जिसने 1678 में Ph.D की डिग्री हासिल की। इनको फिलोसोफर नोबेल पुरस्कार दिया जा चुका है। इनका जन्म 5 जून 1646 को हुआ था।
यह एक ऐसी पहली महिला है जिन्होंने सर्वप्रथम विश्वविद्यालय से Ph.D की डिग्री हासिल की। इनका जन्म Palazzo Lorendan, Venice के गणतंत्र में हुआ था। इनके पिता Gianbattista Cornaro Piscopia और उनकी माता Zanetta Boni थी।
Elena तीसरी संतान थी और सबसे रोचक बात यह है की इनके माता-पिता के शादी के पूर्व ही इनका जन्म हो चुका था। इसी कारण Elena, Carnaro परिवार का सदस्य नहीं बन पाई।
इनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। इसी कारण इनको लोगों के भूखमरी को देखते हुए Venice में कई प्रयास किए इसे दूर करने हेतु। इसी केे योगदान से उनको समाज में जाना जाने लगा। इन्होंने समाज की सेवा करने हेतु अपने महत्वपूर्ण योगदान दिए। इन्होंने शास्त्र का गहन अध्ययन कियाा।
लैटिन और ग्रीक भाषाओं में इन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा प्राप्त की। इनके साथ साथ फ्रेंच और स्पेनिश का भी ज्ञान था। आगे की शिक्षा दीक्षा गणित, धर्मशास्त्र और दर्शनशास्त्र जैसे विषयों में किया। अध्ययन के साथ-साथ इनकी गीत संगीत में भी बहुत रुचि थी।
24 जुलाई 1684 में इनका वेनिस में देहावसान हो गया। इनकी कार्यरत में इनको कई उपाधियों से सम्मानित किया गया था। इन्होंने कई किताबें लिखी जो इनके मृत्यु के पश्चात उन्हें प्रकाशित किया गया।
Elena कई किताबों को अपनी भाषा का ज्ञान होते हुए, एक भाषा से दूसरी भाषा में रूपांतरित किया और इस दुनिया के लोगों को जिन्हें, अपनी विभिन्न भाषाओं में किताबों का संदेश मिला।
दुनिया की ऐसी महिला, ऐसी नारी शक्ति, जिसने संघर्ष करते हुए अपने और अपने समाज की देखरेख में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु महत्वपूर्ण योगदान दिया और दुनिया में सबसे पहले Ph.D की डिग्री हासिल कर अपना सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।
ऐसी नारी शक्ति को हम कोटि-कोटि नमन करते हैं और कामना करते हैं कि हर नारी में Elena की जैसी विचार विद्यमान हो।
![]() |
Elena Cornaro Piscopia was born on 5 June. |
यह एक ऐसी पहली महिला है जिन्होंने सर्वप्रथम विश्वविद्यालय से Ph.D की डिग्री हासिल की। इनका जन्म Palazzo Lorendan, Venice के गणतंत्र में हुआ था। इनके पिता Gianbattista Cornaro Piscopia और उनकी माता Zanetta Boni थी।
Elena तीसरी संतान थी और सबसे रोचक बात यह है की इनके माता-पिता के शादी के पूर्व ही इनका जन्म हो चुका था। इसी कारण Elena, Carnaro परिवार का सदस्य नहीं बन पाई।
इनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। इसी कारण इनको लोगों के भूखमरी को देखते हुए Venice में कई प्रयास किए इसे दूर करने हेतु। इसी केे योगदान से उनको समाज में जाना जाने लगा। इन्होंने समाज की सेवा करने हेतु अपने महत्वपूर्ण योगदान दिए। इन्होंने शास्त्र का गहन अध्ययन कियाा।
लैटिन और ग्रीक भाषाओं में इन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा प्राप्त की। इनके साथ साथ फ्रेंच और स्पेनिश का भी ज्ञान था। आगे की शिक्षा दीक्षा गणित, धर्मशास्त्र और दर्शनशास्त्र जैसे विषयों में किया। अध्ययन के साथ-साथ इनकी गीत संगीत में भी बहुत रुचि थी।
24 जुलाई 1684 में इनका वेनिस में देहावसान हो गया। इनकी कार्यरत में इनको कई उपाधियों से सम्मानित किया गया था। इन्होंने कई किताबें लिखी जो इनके मृत्यु के पश्चात उन्हें प्रकाशित किया गया।
Elena कई किताबों को अपनी भाषा का ज्ञान होते हुए, एक भाषा से दूसरी भाषा में रूपांतरित किया और इस दुनिया के लोगों को जिन्हें, अपनी विभिन्न भाषाओं में किताबों का संदेश मिला।
दुनिया की ऐसी महिला, ऐसी नारी शक्ति, जिसने संघर्ष करते हुए अपने और अपने समाज की देखरेख में उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु महत्वपूर्ण योगदान दिया और दुनिया में सबसे पहले Ph.D की डिग्री हासिल कर अपना सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।
ऐसी नारी शक्ति को हम कोटि-कोटि नमन करते हैं और कामना करते हैं कि हर नारी में Elena की जैसी विचार विद्यमान हो।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते,तत्र रमन्ते देवता||
Social Plugin